Thursday, 4 August 2011

Do Took Kalam

अपने शब्दों को अब विराम न दो
बोल डालो जो तुम को बोलना है
थोड़ी हिम्मत जुटाना है तुमको
अपने होंटों को थोडा खोलना है

बोल डालो जो तुम को बोलना है
खोल डालो जो तुम को खोलना है
अपनी पहचान हो अलग सबसे
सारी दुनिया को तुमको तोलना है

हम तो इंसानियत के पैकर हैं 
आम लोगों से थोडा हटकर हैं
हामिले इल्म कामिले मस्लक
हुस्ने ,एखलाक में भी बढकर हैं

बेवजह हम तो मुस्कराते नहीं  
आजमाए को आजमाते नहीं
हक ओ इमां पे जान तक दे दें
आज़माइश में टूट जाते नहीं

हम हैं सुन्नी रसूले अकरम के
हम है शिया इमामे आज़म के
पन्ज्तन ही हमारे रहबर हैं
सीखा सुब कुछ शहीदे आज़म से

हम तो हक की शमा जलाते हैं
सब को रहे बका दिखाते हैं
अपना आईन सिर्फ कुरा है
लोग क्यों हम से खार खाते हैं

जाओ अल्ला मियां से यह पूंछो 
खाने काबा में क्यों शिगाफ हुवा 
क्यों विलादत अली वहां पे हुई 
किसने सारे बुतों को खाक किया

अव्वलन किसने था पढ़ा कलमा
लोग क्यों सुन के परेशान से थे
किसके हाथों हुआ मुकम्मल ये 
इस हकीकत से क्यों अंजान बने

थे मोहम्मद के क्यों सभी दुश्मन
क्यों बिसातें थीं खिलाफ उनके बिछीं
सारे असहाब अजिन्ना की तरह छूमन्तेर
,एक ही क्यों रहा हर एक मुसीबत की घडी

जानते हो तो फिर बतावो  न
हक की बातों को तुम छिपाओ न
बात क्या है जो तुम को रोकती है
थोडा खुद का ज़ेहन चलाओ न

अच्छा एक बात हम को बतलाओ 
किस तरह कैसे तुम मुसल्मा हुए 
कौन है जिस को मानते हो बड़ा
राज़ हम को भी थोडा मिल जाये

जानते हो रसूले अरबी को
जिनकी हर बात तुमको याद रही
मनकुन्तो मौला व् हज़ा अली मौला
किस वजह इसकी न हदीस रची

लौटते वक़्त आखिरी हज से
हुक्म था आज ही बता डालो
इसमें अल्लाह की ही मर्जी थी
कौन बोला इसे छिपा डालो

किस के कहने पे रब की बात छिपी
क्या वजह है नहीं हदीस रची
फिर तो अपने मफाद के चलते
जैसी चाही वही हदीस गढ़ी

तुम में दम ही नहीं है जो बोलो
तुम में ताक़त नहीं की मुंह खोलो
शग्ले गुफ्तार कुंद ज़ेहन मफ्लूज
शाह ने जर दिया है गिन डालो

बाप दादा ने जो था खेल रचा
खेल वो आज भी तो जारी है
जो मुहम्मद के खुल के दुश्मन थे
उनकी औलाद तुम को प्यारी है

फिर मुस्लमान खुद को कहना ग़लत 
कुल्ले इमान खुद को कहना ग़लत 
रूहे शैतानियत तुम्हारा नसीब
अहले कुरान खुद को कहना ग़लत

आप का रस्ता मेरी राह अलग
आप की चाह मेरी चाह अलग
आप से अब कलाम क्या करना
मिलना जुलना सलाम क्या करना













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